तेरी यादों की पोटली मज़े से उछाल लूँगा। सर-ए-हश्र ख़ुद को सूरज सा उबाल लूँगा। तुम पत्थर हो टूट कर कहीं बिखर जाओगे में तो पानी हूँ कहीं भी रास्ता निकाल लूँगा। #noidatour #tournoida #shayari #love #poetry #hindipoetry