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मेरे गमों को और गमगीन न कर मीठी यादों को

मेरे गमों को और गमगीन न कर 
        मीठी यादों को नमकीन न कर
        न पिघला जख्मों को अपनी गर्मी से
         पनाह न ल मेरी इन आँखों में
        अक्स धुँधला जाते है ए अश्क तुझसे
       खुशी के कई नकाब ओढ़ रखे हैं मैंने,
   खुदाया निहा-ए-जख्मों की यूँ तहरीर न कर 
पारुल शर्मा  #gif मेरे गमों को और गमगीन न कर 
मीठी यादों को नमकीन न कर
न पिघला जख्मों को अपनी गर्मी से
पनाह न ल मेरी इन आँखों में
अक्स धुँधला जाते है ए अश्क तुझसे
खुशी के कई नकाब ओढ़ रखे हैं मैंने,
खुदाया निहा-ए-जख्मों की यूँ तहरीर न कर।
पारुल शर्मा
मेरे गमों को और गमगीन न कर 
        मीठी यादों को नमकीन न कर
        न पिघला जख्मों को अपनी गर्मी से
         पनाह न ल मेरी इन आँखों में
        अक्स धुँधला जाते है ए अश्क तुझसे
       खुशी के कई नकाब ओढ़ रखे हैं मैंने,
   खुदाया निहा-ए-जख्मों की यूँ तहरीर न कर 
पारुल शर्मा  #gif मेरे गमों को और गमगीन न कर 
मीठी यादों को नमकीन न कर
न पिघला जख्मों को अपनी गर्मी से
पनाह न ल मेरी इन आँखों में
अक्स धुँधला जाते है ए अश्क तुझसे
खुशी के कई नकाब ओढ़ रखे हैं मैंने,
खुदाया निहा-ए-जख्मों की यूँ तहरीर न कर।
पारुल शर्मा
parulsharma3727

Parul Sharma

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