घर बुलाता है... कल तक महफ़िलें सजाने वाला आज, ख़ाली पड़े, वीराने का साज़ बजाता है। किलकारियों से कल तक गूंजने वाला; सूना घर आज तुम्हें, आवाज़ लगाता है॥ टूट रही दीवारों संग, उसकी हर उम्मीदें, तरस रही आंखें, करने को तुम्हारी दीदें। गिर रही है जर्जर मुँडेरों की मिट्टी और, आना छोड़ चुके हैं अब अनजान परिंदे॥ गली से गुजरते हर पदचापों को सुनके, अपनों के आने का, अंदाज़ लगाता है। उग आई है सीने पे झाड़ झंखाड़ औ घाँसें, जीने की है चाह मगर, उखड़ रही है सांसें। टूट टूट के जर्जर छप्पर और चहारदीवारी, दरवाजे पर कीमती ताले उड़ा रहे परिहासें॥ धीरे धीरे प्यारा घर, बन रहा खण्डहर, जिसे गांव भी रासि, सरताज बताता है। ✍🏻@raj__sri— % & #home #oldhouse #ancestral #home #घर #घर_याद_आता_है_मुझे #घर_की_याद #rasi