प्यार ने मुझे बहुत कुछ सिखाया गालिब, सिखाया कभी किसी के लिये जीना तो कभी किसी के लिये मरना। सिखा तो मैनै बहुत कुछ प्यार में, ना सीख पाया कभी किसी को पढना। गर सिख पाता किसी को पढना, तो मुझे भी आ जाता सम्हलना । गर आ जाता मुझे सम्हलना, तो पडता ना मुझे आज रोना। प्यार ने मुझे बहुत कुछ सिखाया गालिब, ना सीख पाया कभी किसी को पढना। "सौरभ कुणाल" ####प्यार ने मुझे बहुत कुछ सिखाया गालिब### ##creater##written## by saurav kumar: ###@@@####