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नारी का जो सम्मान ना जानें मर्द ही नहीं नामर्द है

नारी का जो सम्मान ना जानें 
मर्द ही नहीं नामर्द है साला...
बेशक उसको कुछ भी बोलो
गंदे गटर पैदाइश है साला...
जिसको ना आता कुछ भी है
माँ बाप को यार नसाते हैं....
करते हैं नित -बात ही ओछी 
खुद को ही हरदम गिराते हैं..
देखता जब ऐसे जाहिल को  
आग तुरंत लग जाती है.....
बेशक ही ना मैं बोलना चाहूँ 
जुबां स्वतः खुल जाती है...
अरे जाहिलों तुम क्या समझे 
उस नारी को तुम ओ डरा दोगे 
जो है प्रतिरूप स्वंय काली का
उस जगदम्बा को तुम डरा दोगे  
जिससे तुम हो संसार में आये 
उसे डराने ही निकले हो........
बनकर के तुम नामर्द ओ कुत्तों 
क्या समझाने निकले हो.......
गर मानते हो जो कोई भी धर्म 
उसको अब थोड़ा पढ़ जाना...
जो कर्म किये हैं तुमनें नामर्दों  
हो सके छिपा मुँह निकल जाना

©ANOOP PANDEY
  #खरी_खरी 
sonu pareek Mahi NIDHI mahi singh Mahira Fatima ARVIND YADAV 1717 Irfan Saeed Writer anurag Dubey  SHIVAM Bhardwaj rasmi Pramodini mohapatra Madhusudan Shrivastava MAMTA Dil se bandhi ek Dor