आज क्यो रावण को जलाया था., उस जैसा न तो था न हुआ न हो पाया था., भगवान शिव का सबसे प्रिये शिष्य था.., पर केबल उसकी बुराई ने उसे जकया था.. रावण नही बुराई को भगवान राम ने मार गिराया था.., अपने स्वाभिमान के लिए लड़ पर धर्म वो भी कहा छोड़ पाया था.., मा सीता को भी अपनी बहन के लिए हर के लाया था.., उसने तो बास एक औरत के समान मैं दुषरे का मान उड़ाया था..., जनता था वो गलत है ये फिर भी उसने मा सीता को हाथ न लगाया था.., फिर क्यों आज उसे बुरा बोलकर हमने दशेरा मनाया था.. क्यो आज रावण को जलाया था ।।। जिन्होंने कितनी औरतो को मान उधय था.. उन्होंने ही तो आज रावण को जलाया था..., श्री राम ने तो संकल्प बुराई के खिलाफ उठाया था..। फिर क्यों हमने उस महान पुरुष को बुरा बताया था..। ममानता हु गलत था वो.. पर उस जैसा हो भी कहा पाया है..। दुनिया को सीखने वाला आज खुद फिर जलकर दिखाया था..।।। बुराई को हराकर भगवान ने भी उसे ज्ञान पाया था..., आज क्यो उसे ही बुरा बताया था..।