आज भी अगर तू यहां खड़ा मौन है, फिर आवाज़ उठाने वाला और कौन है? आज भी अगर तू ऐसे ही चुपचाप है, तेरे लिए इससे भी बड़ा और क्या पाप है? आज भी अगर तू बैठा यूं ही ख़ामोश है, इससे भी बड़ा तेरा और क्या दोष है? ऐसी शर्मनाक घटना पर अब भी तू अगर शांत है, किसी को लाचार कहने की तेरी भी क्या औकात है? आज भी अगर तेरी कलम कुछ ना लिखती है, तू ही सोच तेरी कलम में कोई धार क्या दिखती है? ©Lukesh Sahu #Stoprape#hathras case #save girl#justice for Manisha