मखमली चादर में लिपटी मिली हैं इक लाश यहां ज़िंदा जली पड़ी हैं आख़िरश तुझी पे आएगें इल्ज़ाम तेरे ख़िलाफ़ गवाही सुनाई गई है कशीदा-कामती अपने गूरूर की हमने ख़म की है , नीची करी है रिदा-ए-जिस्म अब नया ही ये है पुरानी चमड़ी तो फेंक दी गई है अहल-ए-कफस ही रही है 'सांझ' अज़िय्यत-ए-इश्क़ से सनी हुई है -सांझ कशीदा-कामती - heights ख़म - bend रिदा - cover अहल-ए-कफस - residents of cage अज़िय्यत -difficulty , trouble. #nojoto