""दिल के इन पन्नों को क्यों फिर से खोलते हो, वाकिफ है जो हकीकत से उससे झूठ बोलते हो, माना कि उस शख्स को कभी समझा नहीं तुमने....... आज उसके ही हर लफ़्ज़ में अपना अक्स ढूंढते हो""❤Kavit❤ दिल के इन पन्नों को