ज़िद थी उन ऊचाइयों को छूने की, अब अपनी जिद को जूनून में बदल लिया है। इन काँटो से ही गुजरना है अब मुझे, इरादा अब रूह मेरी ने भी पक्का कर लिया है। अंधड़ उठेंगे जिंदगी के हर मोड़ पर , आज उनसे भी टकराने का फैसला कर लिया हैं। रस्ता रोक लिया है भवसागर ने मेरी नाव का, गहराई को नापने का हमने भी इरादा कर लिया है। सामने आयेगा कोई पहाड़ बाधा बनकर मेरी, सीना चिरने का हमने भी पक्का वादा कर लिया है। #DK #मोटिवेशनल