वो हाथों में हाथ वो लबों की बात विसाल-ए-यार वो और तेरा साथ पुनर्जन्म हो गया मेरा जैसे, गुज़ारी जब वो मुक़द्दस रात तेरे साथ विसाल-ए-यार मिलन की रात मुक़द्दस- पवित्र 🎀 Challenge-414 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।