"दोहा 3" काम करो तुम आपना, निर्भय मनुज महान । नहीं सुनो जन क्या कहें, बने रहो अनजान ।। शब्दार्थ: आपना - अपना निर्भय - बिना डरे हुए मनुज - मानव, मनुष्य, आदमी जन - लोग अब लग रहा है कि दोहा लिखा हुआ है.. है ना.. 😊😊