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परिंदों ने मुस्कुराते हुए कहा &&&&&&&&&&&&

    परिंदों ने मुस्कुराते हुए कहा
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    एक दिन मैंने उड़ते हुए परिंदों से पुछा,
    2024 में तुम वोट किसे दोगे .....
    परिंदों ने मुस्कुराते हुए कहा,
    भगवा मय सूर्य तले जागता हूं,
    भगवा मय आसमां तले चहचहाता हूं,
    ठंड में भगवा मय सूर्य से गर्माता हूं।
    भगवा मय है जीवन मेरा ,
    भगवा मय है हर पल , हर सबेरा।।
    बातों को सुनकर मैं भी चहचहा उठा,
    आवाज़ सुन पुरा हिंदुस्तान जाग उठा।
    अगर सोया रहा तो सिर्फ सेकुलर पंथी,
    आंखें खोल कर भी करता रहा नौटंकी।
    गजब कि बेशर्मी है सेकुलरिज्म में मेरे यार,
    हिन्दू होकर हिन्दुओं के लिए,लिए बैठा है कटार।
    देख कर फूट अपने हीं घर में,
    ताली बजा रहा है पूरा संसार।
    मजे में है अधर्मी हंसी छुपा कर जता रहा है प्यार।
    एक दिन मैंने एक अंधे इंसान से पुछा,
    2024 में तुम वोट किसे दोगे.....
    उसने कहा मैं राष्ट्र प्रेमी हूं,मोदी मय हूं,योगी मय हूं,
    मैं हूं भारत माता का सुपुत्र,मैं सनातन मय हूं।
    एक दिन मैं प्रमोद खुद से पुछा,
    2024 में तुम वोट किसे दोगे .....
    दिल ने कहा ... देश कि सुरक्षा और विकास पर।
    एक दिन मैंने उड़ते हुए परिंदों से पुछा,
    2024 में तुम वोट किसे दोगे .....
    परिंदों ने कहा कमल फूल छाप पर,
    मोदी कि गारंटी और विश्वास पर।।
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       प्रमोद मालाकार कि पेशकश .... 24.12.23

©pramod malakar
  #परिंदों ने मुस्कुराते हुए कहा।

#परिंदों ने मुस्कुराते हुए कहा। #कविता

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