किनारे पर हो अगर महबूब तो दीवाने को तूफान का डर क्या होगा तू जो यूं मुझे देखता है करीब से मैं ये सोचता हूं कि मेरे बारे में तू क्या सोचता होगा और जो मिलने का वादा करके तूम मिलने नहीं आते हो कभी सोचा है दीवाने का क्या हाल होता होगा आदतों में है तेरी याद जाने जाना ये दीवाना तुम्हें याद कर बहुत रोता होगा पांव में छाले पड़े हैं इसके मगर ये दीवाना दौड़ रहा है मुझे लगता है इस दीवाने को मंजिल का ख्याल हो गया होगा hale dil