संघर्ष में भला कब कौन साथ खड़ा होता है, जो भी लड़ा खुद अकेले लड़ना होता है हूं नहीं मैं इस काबिल, समझा पाऊं किसी को, दिखा पाऊं पैरों के छाले, क्यों नंगे पांव चलना होता है हां,पर समझाता हूं खुद को, कुछ ही तो दूरी मंजिल तक अकेले चलना होता है आता नहीं हुनर अपनों को छलने का, जज्बा, मगर है फिर भी उनसे मिलने का, अपनी ख्वाहिशों को लपेटा है मैंने, चादर से कोई ख्वाब बिखर न जाए यादों के सागर से अभी तो निकला हूं बाजार में जिंदगी की कीमत लगाने ख्वाहिशें बिक रही हैं चंद पैसे कमाने, और, सीख रहा हूं मैं भी, चेहरों से चेहरे छुपाने, बिक रहा हूं मैं भी बाजार में, चंद पैसे कमाने। ©vivekpurohit संघर्ष में भला तब कौन साथ खड़ा होता है! #Hindi #KumarVishwas #best_poetry #Motivation #Motivational #Struggle #protest #best_thoughts #hindi_poem #Light