तुम चलो साथ मेरे या छोड़ दो मेरे हिस्से में तन्हाई, अब तुम्हारी नहीं है जरूरत मुझे,मेरी परछाईं.. Performed this piece in Your Quote open mic volume 5 Raipur तुम चलो साथ मेरे या छोड़ दो मेरे हिस्से में तन्हाई, अब तुम्हारी नहीं है जरूरत मुझे,मेरी परछाईं.. 1. एक लड़की रात को दफ्तर से घर अकेले जाते हुए परछाईं के लिये कहती है- डर के साये में चल रही थी रात के अंधेरे में,सुनी सड़कों में खामोश गलियों में,अनजाने राहों में