ये कैसा अजीब रिश्ता है ? अनजाना सा दिखता है, पर अपनेपन का एहसास दिलाता है। वैसे तो ये कोई खून का रिश्ता नहीं, ये रिश्ता होता है आहिस्ता आहिस्ता ही सही। ये एक इंसानियत का रिश्ता है, इंसान के रूप में ये एक फरिश्ता है। ये कैसा अजीब रिश्ता है? अनजाना सा दिखता है, पर अपनेपन का एहसास दिलाता है। कौन है इस रिश्ते का चालक? क्या कहते हैं इस रिश्ते को? कोई मित्र कहता है, तो कोई दोस्त कहता है, कोई शखा कहता है, तो कोई बंधु कहता है। कोई इंसानियत का रिश्ता कहता है । कोई इंसान के रूप में फरिश्ता कहता है। ये कैसा अजीब रिश्ता है? अनजाना सा दिखता है पर अपने पन का एहसास दिलाता है। #मित्रता_के_अटूट_बंधन #मित्रमंडली #मित्रतादिवस