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आँखें खुली है मगर , जिंदा होने का एहसास नहीं। लिपट

आँखें खुली है मगर , जिंदा होने का एहसास नहीं।
लिपट के बैठी है  "वो" मेरी बाहों से, पर पास नहीं।

दूरियाँ इस कदर बढ़ गई है दरम्यां, अब गाशि।
वो थी भी कभी साथ, इसका भी एहसास नहीं।
 #shatyagashi #modernlove
आँखें खुली है मगर , जिंदा होने का एहसास नहीं।
लिपट के बैठी है  "वो" मेरी बाहों से, पर पास नहीं।

दूरियाँ इस कदर बढ़ गई है दरम्यां, अब गाशि।
वो थी भी कभी साथ, इसका भी एहसास नहीं।
 #shatyagashi #modernlove