थी दिल ए तमन्ना, मोहब्बत ए आगाज़ में, सुनू दो बोल प्यार के, इश्क ए आवाज में। रात ढल रही है, रोशन हो रही है समां, खुदा से मांगी है मिन्नतें, तेरी फरियाद में। क्यूं रास नही आई तुझे मेरी मोहब्बत, बार बार आता है ख़्याल, दिल ए जज़्बात में। तेरी बेवफ़ाई का किस्सा पूरे शहर में है गूंजा, महफ़िल तेरे नाम की, भीड़ लगी है दरबार में। प्यार का दर्द, उलफ़त ए हिज्र का शोर, मौत से नही मरा, जान गई है तेरे तलबगार में ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1095 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।