माफ़ करना यारों ये महफिलें अब मेरी काम की नहीं ये मौज-मस्ती तुम्हारी ये छलकता हुआ जाम अब मेरे नाम का नहीं मिलेंगे अब जब भी फुर्सत में मिलेंगे यारों ©Kandari.Ak by by