वो बेपर्बा सी मुस्कान मुझे आज भी याद आती है कभी ख्वाबो में गुफ़्तगू होती है तो कभी दिल में हलचल बढ़ाती है आज भी याद है मुझे वो तेरा चहकना पागलों सा इऊँ ही मुस्कुराना सामने मेरे कोई धुन गुनगुनाना वो तेरी मॉसुम सी मुस्कान में मेरा लूट जाना बारिश इऊँ ही तेरे संग भीगना