।। ॐ नमश्चण्डिकायै ।। मन्त्र जपने की सरल विधि निम्न मन्त्र से देवी का ध्यान एवं पूजन करें...... ॐ नमस्तेऽस्तु महारौद्रे महाघोर पराक्रमे । महाबले महोत्साहे महाभयविनाशिनि ।। प्रतिदिन स्नान / शुद्धिकरण करके प्रातः सायं, रोरी, चन्दन, सिन्दूर, अक्षत, पुष्प, प्रसाद, जल से श्रद्धा पूर्वक देवी की प्रतिमा का पूजन करें। उन्हें धूप, दीप दिखायें और मन्त्र जप आरंभ कर दें। समयाभाव हो तो शुद्धता पूर्वक भगवती का मन में ध्यान करके जप करें। भक्तो! उपासना में भक्ति-भाव की प्रधानता होती है। दाहिने हाथ में तुलसी अथवा चन्दन की माला लेकर प्रतिदिन एक माला / ग्यारह माला जप करें। जपते समय निम्न मन्त्र से माला की भी पूजा कर लें। ॐ अविघ्नं कुरु माले त्वं गृह्णामि दक्षिणे करे । जपकाले च सिद्ध्यर्थं प्रसीद मम सिद्धये ।। जप मुद्रा - पूर्वाभिमुख (पूर्व की ओर मुँह करके) पद्मासन में (आलथी- पालथी मारकर) बैठ जायें। फिर दाहिने हाथ की अनामिका और मध्यमा अंगुलि एवं अंगुठे के मध्य माला का एक-एक मनका (दाना) बढ़ाते हुए मन्त्र जप करें। मन्त्र जप संख्या - तीन / नौ / ग्यारह / सोलह बार / एक माला / दस माला या इससे अधिक यथा साध्य यथा समय । जप के उपरान्त अपना पावन जप देवी को अर्पित करें इस निवेदन के साथ कि हे देवि! आप मेरे जप मन्त्र को स्वीकार करें तथा अपने कृपा प्रसाद - ©KhaultiSyahi #Brahmamuhurat 4:41 A. M #khaultisyahi #Morning 🌞 #Wake #morningcoffee #Wakeup #mantra #tareekha #Life_experience #Life