आदिकाल से हज़ारों ऐब झेलते आया है समाज । सामाजिकता में कमी रही, पर 47 से हम हैं राजनैतिक आज़ाद ।। उनकी सोचो तो सिहर उठोगे जिन्होंने जान लुटा दी देश पर । आजकल उनके अपमान के पग पग पर क्यूं होने लगे विधान ।। Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "महफ़ूज़" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial दिया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।