अँधियारे की ओर बहती हुई, जैसे हो धारा किल-किल में; चल रही हो जो मंद गति से, ऐसा कुछ जादू हो अनिल में; पड़ी सोचूँ काफी देर तलक, ये मन अटका है मुश्किल में; जो रात को सवेरा होए मेरा, तो मिलूँ संग उस साहिल में। यूँ श्याम उतरती है दिल में... — 'शायरा' Chahak Moryani #yqdidi #yqhindi #collab #शाम #दिल_में #bestyqhindiquotes #yqpoetry