इक़ रात बादलों ने इशारे से बुलाया.. सितारों की शय्या पर प्यार से बिठाया.. चाँद को था मेहबूब सा सजाया.. देख कर उन्हें मन था शरमाया.. वक़्त को फिर उस पल में रूकाया.. आसमाँ उस पल में हलके से मुस्काया.. धड़कनों ने प्यार का राग सुनाया.. हवाओं ने झूम कर रास सिखाया.. ख़ुदा ने ख़ूब ये मंज़र बनाया.. मुलाक़ात का हसीन रास्ता सुझाया.. तक़दीर का राज़ कुछ यूँ बताया.. फ़ासलों में नज़दीकियों से हमें मिलाया.. हक़ीक़त ने ऊँघते ख़्वाबों को जगाया.. भोर होते ही मन ने उन्हें भुलाया.. शय्या- पलंग, Bed #मेहबूब #चाँद #ख़्वाब #yqdidi #yqbaba #drgpoems #NaPoWriMo #drgchaand