ईर्ष्या का किवाड़ बन्द करके, प्रेम का किवाड़ खोलो, गर दायें हाथ से मदद करो तो बांए को कुछ ना बोलो। उपकार करो या परोपकार, हो सके गुप्तदान ही करना, जिसकी करो सहायता गरीबी का मज़ाक तुम ना करना। आत्मसंतुष्टि मिलेगी तुम्हें, आत्मज्ञान भी मिल जाएगा, तुम्हारे लिए भगवान का, बन्द किवाड़ भी खुल जाएगा। प्रतियोगिता संख्या - 5 Dr. Gauri Chawla ( Admin of the page ) समय सीमा : 31- May , 10:00 AM से 01- Jun , 10:00 AM तक । प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रतियोगिता के समय सीमा के अंदर ही आप को Collab कर अपनी रचना लिखनी होगी। समय खत्म होने के बाद आप Collab कर सकते हैं पर प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो सकते हैं।