अवरोही क्रम में जाती हुई सी अपनी ये मोहब्बत ना कोई तुझको ना मुझे है कोई आफत हर बात जिस पे लगी गले कभी अब क्यूँ बुरी लगे तुमको अब मेरी हर इक वही आदत इतने पर भी दुआ रब तुझको रखे खुश और सलामत #yopodimo में आज की कविता #अवरोहीक्रम में लिखी जाए। अर्थात घटते हुए क्रम में। #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi