राह से होकर, सवारी न जा सकी ये जिंदगी तुम्हारे बिन, गुजारी न जा सकी तुमहिं कहती थी कि किरदार तुम्हारा आफ़ताब जैसा है तुम्हारे रहते तिमिर मिटाई न जा सकी। तिमिर = अंधेरा