ये लगभग मुझ जैसे उत्तर देने वाली, मेरे अंतर्मन से जुड़ी है। कूझसे यही सवाल पूछता तो 90% उत्तर यही होते। तन्हा हैं सब, घर हो की महफिल हो, तन्हा हैं सब, भरी दुनिया हो कि दिल हो, तन्हा मुसाफिर हैं, साथी हो कि मंज़िल हो.... क्योंकि अधिकांशत: लोग उसी को ढूढते हैं जो सबका है, सबके करीब है।