ज्यों मिला आदेश तुमसे गीत गाने का मुझे सौभाग्य अपना मान मैं .......... अश्रुपूरित नेत्रों से देखती हूँ तुझे.......... हृद की सारी कलुषता एक पल में धुल गई , बन के 'पाखी 'प्रेम की, आराधना की उड़ चली.... तुमको पाना है मुझे, एक ही बस धुन लगी है विदित, होतेआनंदित गीत सुनकर तुम मेरा................................................ बस यही मार्ग मिला सानिध्य पाने को तेरा स्मृति की गीतांजलि... #Rabindra Nath Tagore '$Gitanjali poem2 Hindi version