कलम ए गुलज़ार तेरा जवाब नहीं है तेरे लफ्ज़ की संजीदगी के आगे ठहरती कोई बात नहीं है तेरी तनकीदी के बेपरवाह पन्नों का कायल हूं मैं, दिल को बेजान बता के भी लफ़्ज़ों में जान डाल देता है पढ़ने वाला भी तेरे किस्सों से उम्मीदें पाल लेता है तेरे खिताब का इख्तिलाफ करने की हम में हैसियत कहां, नाचाहने वाले भी नज़रें फेर लें तेरे जौहर की रोशनाई ही ऐसी है बेरौनक महफ़िल में जान डाल दे तेरी तकरीर ही ऐसी है word booster: तनकीद- criticise इख्तिलाफ- against #Vo_chiz_jise_dil_kehte #NojotoApp #NojotoHindi #gulzar #tanqeed #mehfil #dil #appreciation #NojotoEnglish Maroof khan बागी Hafsa Masood