मैं नादाँ सी चिड़िया हूँ, उड़ने का हौसला रखती हूँ, निकल अपने घोसले से गगन कि ओर पँख फैलायी हूँ, पर उस गगन में भी है शिकारी अनेक, जिसका शिकार मैं हूँ, पर तोड़ न सकते मेरे हौसले कि उड़ानो को, वो मैं नादाँ सी चिड़िया हूँ|