Nojoto: Largest Storytelling Platform

पतझड़ जैसे एहसासों में, तुम मोहब्बत की बयार हो..!

 पतझड़ जैसे एहसासों में,
तुम मोहब्बत की बयार हो..!
शुष्क होते अल्फ़ाज़ों की,
यूँ मौसम-ए-बहार हो..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #GingerTea #bahaar