"वो आवाजें ज्यादा दुख देती है, जो आस पास से आती है, और अनसुनी रह जाती है..." "विरह की पराकाष्ठा तो तब है, जब पास में बैठा कोई , छूना चाहे, छू ना पाए..." " ये पीड़ा, विरह, खुशबू, महसूस कर सकता हूँ, इससे ये साफ है मीलॉर्ड, मैं प्रेम में जीता हूँ " #भृगुऋषि ©The Urban Rishi #Mic