तेरी परछाई से ही, दिल में अरमानों का जो उद्वेग उठा था तूफानों से अब दबा है क्षति न पहुंची है दिल के मकानों को क्योंकि उससे पहले एक जासूस चला था...! #दिल में #अरमानों का जो #उद्वेग उठा था #तूफानों से अब #दबा है #क्षति न पहुंची है दिल के #मकानों को क्योंकि उससे पहले एक #जासूस चला था...! #khnazim