चुपचाप उनके दीदार को पलपल तरसती है ये आंखें उनकी यादों में बरसती है वहीं जाकर, उसी मोड़ पर खड़ा रहता हूं रोज़, सूना है, वो वहीं से गुजरती है जहां मिला करते थे हम हर शाम वो पेड़ तले आंखों में गुमनाम आज भी वहीं तेरा इंतज़ार करते है में और मेरी तन्हाई बैठें चुपचाप - बंदगी चुपचाप - बंदगी #chupchaap #ankhe #pyaar #Shayar #shayari #diary #alfazebandgi