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कुछ जल गया, कुछ जला दिया, कुछ परवाह किया, कुछ गवा

कुछ जल गया, कुछ जला दिया,
कुछ परवाह किया, कुछ गवा दिया,
हाथ लगे कुछ हिस्से,
एक रोज जो उसको लौटा दिया,
टूटा था अंदर से मगर हसकर उसे विदा किया,
फिर रोया, फिर खोया, फिर बोया।

कुछ छुपाया, कुछ बयां किया,
कुछ फक्र किया, कुछ सितम किया,
कुछ जुल्म किया, कुछ इत्र पिया,
कुछ महसूस किया, कुछ फिक्र किया,
इन्हीं चंद लम्हों में जीवन जिया। 2.
Life is all about keep moving and keep trying.
कुछ जल गया, कुछ जला दिया,
कुछ परवाह किया, कुछ गवा दिया,
हाथ लगे कुछ हिस्से,
एक रोज जो उसको लौटा दिया,
टूटा था अंदर से मगर हसकर उसे विदा किया,
फिर रोया, फिर खोया, फिर बोया।

कुछ छुपाया, कुछ बयां किया,
कुछ फक्र किया, कुछ सितम किया,
कुछ जुल्म किया, कुछ इत्र पिया,
कुछ महसूस किया, कुछ फिक्र किया,
इन्हीं चंद लम्हों में जीवन जिया। 2.
Life is all about keep moving and keep trying.
jatinkumar1537

Jatin Kumar

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