मैं हर बार जिक्र तेरा करना चाहती हूँ ये दूर होने का अहसास मिटाना चाहती हूँ अगर समझ जाए सब इस अधुरी बात को तो मैं आगे का कुछ लिखना चाहती हूँ | चेहरे को तेरे अब पढ़ना चाहती हूँ तुझमें ही खुश अब रहना चाहती हूँ जिक्र तेरा अब सरेआम करके,तुझे कविता में अपने सजाना चाहती हूँ | बात तेरी करना भी चाहती हूँ ,पर कभी-2 यादों को भुलना भी चाहती हूँ इस बिन मुलाकात वाले प्यार को सबको अब दिखाना भी चाहती हूँ [ by:-Akshita Jangid (poetess) #poem #love #memory #ckd #life #dedicated #beloved #not-meet #write