हार-जीत हार-जीत में गर उलझेंगे, हार जीत कर रह जायेंगे, मंजिल के मानी होकर भी मंज़िल तक ना जा पाएंगे। जीत हुई तो मोद मनाते कहीं पीछे रह जायेंगे, मिली हार तो किस मुख से आगे बढ़ते जायेंगे! हार-जीत का द्वंद्व नहीं ये, न ही कहीं झरोखा है, जीवन जीने से खुद को, क्यों तुमने यूँ रोका है! उम्मीद यही एक काफी है कि डगर हमारी सही है, फल पाने की विधि सदा कर्मों के परवश रही है। उत्तम जीवन जीने को ये ही सौगात सही है, हार-जीत के इतर भी एक दुनिया पनप रही है। #yqhaar #yqjeet #yqduniya #yqparvash #yqsaumitr