जिन्दगी के अंधेरो में जुगनू की रोशनी सी थी मेरी कविता अब सफेद हो चुकी है कफन की तरह शांत पड़े पानी मे वो पत्थर नही रही मेरी कविता अब हो गयी है बेरंग #kavita #suraj