स्वयं को माचिस की तीली ना बनाएं जो थोड़ा सा घर्षण लगते ही सुलग उठे स्वयं को वह शांत सरोवर बनाएं जिसमें कोई अंगारा भी फेंके तो वह खुद ही बुझ जाए nit