ये किस किस को, प्यार कर रक्खा है तुमने मेरा तो खैर, जीना दुश्वार कर रक्खा है तुमने सूरज, चांद, पंछी, ये फूल, मुनासिब है कांटों को क्यूं, बेकरार कर रक्खा है तुमने #bekaraar #vatsa #वत्स #illiteratepoet #hindipoetry #yqhindi