Nojoto: Largest Storytelling Platform

फिर से हुए हैं सब मगन, प्राणी धरती और गगन हरियाली

फिर से हुए हैं सब मगन, प्राणी धरती और गगन
हरियाली है चारो ओर, बागों में मच गया है शोर।
माँ सरस्वती का दिन है आया, खेतों में सरसों है फुलाया, 
कहीं धूप तो कहीं है छाया, यह ऋतु सबके मन को है भाया। 
सूखो

©Akash Chakarwarti Basant
फिर से हुए हैं सब मगन, प्राणी धरती और गगन
हरियाली है चारो ओर, बागों में मच गया है शोर।
माँ सरस्वती का दिन है आया, खेतों में सरसों है फुलाया, 
कहीं धूप तो कहीं है छाया, यह ऋतु सबके मन को है भाया। 
सूखो

©Akash Chakarwarti Basant