एक है अनेक है फिर भी वो एक है। हिंदुओं में राम है वो, तो मुसलमानों में अल्लाह है वो एक है अनेक है फिर भी वो एक है। सिखों में वाहेगुरु है वो, तो ईसाइयों में मसीहा है वो एक है अनेक है फिर भी वो एक है। पुण्यवान के लिए वरदान है वो, तो पापियों के लिए अभिशाप है वो एक है अनेक है फिर भी वो एक है। सज्जनों के लिए भगवान है वो, तो दुर्जनों के लिए काल है वो एक है अनेक है फिर भी वो एक है। ब्रह्मांड में आकाश है वो, तो अंधकार में प्रकाश है वो एक है अनेक है फिर भी वो एक है। ज्ञानियों में ज्ञान है वो, तो सन्यासियों में ध्यान है वो एक है अनेक है फिर भी वो एक है। ऋषियों में तप है वो, तो मुनियों में जप है वो एक है अनेक है फिर भी वो एक है।। ©Amit Kumar #God_Is_One #poem✍🧡🧡💛 #positivevibes #Poetry #lifeIsOneTimeOffer #AWriterspoem