एक बार फिर वो चिलाती राही आंखों से आंसू बहाती रही खटखटाया फिर दरवाजा कानून का एक उम्मीद से दरवाजे पर बैठे बैठे ही एक दिन सो गई लोगों ने कुछ दिन खूब शोर मचाया पर उसके हिस्से का इंसाफ कोई दिलवा ना पाया। धीरे धीरे सारा शोर शांत हो गया उसके हिस्से का कानून पन्नों में सिमटा रह गया। ©Reeju Kamboj vo jakhm #nojohindi #Nojoto #insaaf