सम्भोग सम्बंधी अनमोल शिक्षाऐं जो पुरुष अपनी प्राणप्रिया भामिनी को प्रशन्न नहीं कर सकता वह नार्मद है उसका संसार में रहने ना रहने का कोई अर्थ नहीं है पहले स्त्री को स्खलित करे फिर आप हो वही मर्द है वही संसार का सार है योगचिंतामणी ©Shankar Jaat #आयुर्वेद