जाते जाते मुझे ख़ुशी दे दी उसने आवाज़ आख़िरी दे दी जब सितारों ने फेर ली आँखें एक जुगनू ने रौशनी दे दी उसने इंकार कर दिया मेरा और इस ग़म ने शायरी दे दी ज़ख्म भरने को दे दिए आंसू दर्द सहने को बेबसी दे दी उसने आँखों से कह दिया सब कुछ और पढ़ने को डायरी दे दी आप तनख़्वाह छोड़िये साहिब शुक्र है उसने नौकरी दे दी ©Aadarsh Dubey जाते जाते मुझे ख़ुशी दे दी उसने आवाज़ आख़िरी दे दी जब सितारों ने फेर ली आँखें एक जुगनू ने रौशनी दे दी उसने इंकार कर दिया मेरा और इस ग़म ने शायरी दे दी