आँखें जिन हाथों को थाम कर सुकून मे लिप्त हो जाती थी, हाल फिलहाल उन हाथों का साथ नहीं। अब कैसे हम ये बयां करे... बिन सुकून, आँखो की रात नही। ©KhaultiSyahi my life story #BeOriginal #khaultisyahi #mylife #myfeelings #MyPoetry #mypoems #poem #Poetry #mylines #Poet