"जब गतिरोध की स्थिति लोगों को अपने शिकंजे में जकड़ लेती है तो किसी भी प्रकार की तब्दीली से वे हिचकिचाते है ! इस जड़ता और निष्क्रियता को तोड़ने के लिए एक क्रांतिकारी स्पिरिट पैदा करने की जरूरत है, अन्यथा पतन और बर्बादी की वातावरण छा जाता है ! लोगों को गुमराह करने वाली प्रतिक्रियावादी शक्तियां जनता को गलत रास्ते पर ले जाने में सफल हो जाती हैं ! इससे इंसान की प्रगति रुक जाती है और उसमें गतिरोध आ जाता है ! इस परिस्थिति को बदलने के लिए यह जरूरी है की क्रांति की स्पिरिट, ताजा की जाए ताकि इंसानियत की रूह में हरकत पैदा हो!'' ★शहीद-ए-आज़म भगत सिंह★ भगत सिंह