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इक नज़र का दोष है जो इस क़दर भटका हुआ हूं, ये है प

इक नज़र का दोष है
जो इस क़दर भटका हुआ हूं,
ये है पता कि रिस्क है
पर प्यार में लटका हुआ हूं।

जिस गली है घर तेरा
उस गली में हो बसेरा,
पर डर है तेरे बाप की
नजरों में मैं खटका हुआ हूं।

इश्क़ में जब तक कुटाई
या पिटाई हो नहीं,
जमकर सुताई हो नहीं
जमकर धुनाई हो नहीं। 

तब तक नहीं मिलता है दर्जा
मजनुओं को मजनुओं का,
इसी आसरे में आसरा है
इसी आसरे अटका हुआ हूं।

ये है पता कि रिस्क है
पर प्यार में लटका हुआ हूं  #NojotoQuote इक नज़र का दोष है
जो इस क़दर भटका हुआ हूं,
ये है पता कि रिस्क है
पर प्यार में लटका हुआ हूं।

जिस गली है घर तेरा
उस गली में हो बसेरा,
पर डर है तेरे बाप की
इक नज़र का दोष है
जो इस क़दर भटका हुआ हूं,
ये है पता कि रिस्क है
पर प्यार में लटका हुआ हूं।

जिस गली है घर तेरा
उस गली में हो बसेरा,
पर डर है तेरे बाप की
नजरों में मैं खटका हुआ हूं।

इश्क़ में जब तक कुटाई
या पिटाई हो नहीं,
जमकर सुताई हो नहीं
जमकर धुनाई हो नहीं। 

तब तक नहीं मिलता है दर्जा
मजनुओं को मजनुओं का,
इसी आसरे में आसरा है
इसी आसरे अटका हुआ हूं।

ये है पता कि रिस्क है
पर प्यार में लटका हुआ हूं  #NojotoQuote इक नज़र का दोष है
जो इस क़दर भटका हुआ हूं,
ये है पता कि रिस्क है
पर प्यार में लटका हुआ हूं।

जिस गली है घर तेरा
उस गली में हो बसेरा,
पर डर है तेरे बाप की